Diwali 2024: दिवाली पर Laxmi ji के साथ क्यों की जाती है Ganesh Ji की पूजा?

Diwali 2024:महालक्ष्मी और गणेश जी की संयुक्त पूजा का महत्व

पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि महालक्ष्मी जी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने का विधान दीपावली के पावन पर्व पर विशेष रूप से होता है। ऐसा माना गया है कि इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की संयुक्त पूजा से धन, बुद्धि, विवेक और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अद्भुत मान्यता के पीछे कुछ रोचक और गूढ़ कहानियाँ हैं।

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Diwali 2024:
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लक्ष्मी और गणेश जी का अद्वितीय संबंध

प्राचीन कथा के अनुसार, महालक्ष्मी जी के मन में एक बार गर्व का भाव उत्पन्न हुआ कि वह ही समस्त संसार की धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस गर्व के कारण भगवान विष्णु ने उन्हें समझाया कि माता का दर्जा प्राप्त करना किसी स्त्री के लिए गौरव की बात है। अपने मातृत्व को सिद्ध करने के लिए महालक्ष्मी जी ने भगवान शिव और माता पार्वती से विनती की कि गणेश जी को उन्हें दत्तक पुत्र के रूप में दिया जाए।

माता पार्वती ने महालक्ष्मी जी की इस विनती को स्वीकार किया, जिसके बाद गणेश जी को महालक्ष्मी जी का दत्तक पुत्र माना जाने लगा। इस तरह महालक्ष्मी जी का मातृत्व उनके गौरव को बढ़ाता है और उन्हें यह अनुभूति होती है कि धन-धान्य के साथ-साथ मातृत्व का भी एक महत्व होता है।


दीपावली पर गणेश और लक्ष्मी पूजन का विधान

दीपावली के दिन गणेश और महालक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा तब से चली आ रही है। विशेषकर दीपावली पर महालक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा किए बिना धन और समृद्धि की प्राप्ति अधूरी मानी जाती है। गणेश जी को सभी विघ्नों को हरने वाला माना गया है और इसी कारण दीपावली पर लक्ष्मी पूजा से पहले गणेश जी की पूजा का विधान रखा गया है।

गणेश जी का प्रसिद्ध मंत्र, “वक्रतुंड महाकाय, कोटि सूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा” का उच्चारण कर, दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभारंभ किया जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से जीवन में सभी प्रकार के विघ्न और बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं, और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


महालक्ष्मी-गणेश पूजन का आध्यात्मिक लाभ

  1. धन प्राप्ति: दीपावली पर महालक्ष्मी-गणेश पूजन करने से घर में स्थायी धन का प्रवाह होता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा करने से विघ्न बाधाएँ दूर होती हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  2. बुद्धि और विवेक की प्राप्ति: गणेश जी को बुद्धि और विवेक का देवता माना गया है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता और बुद्धिमत्ता प्राप्त होती है।
  3. समृद्धि और सौभाग्य: लक्ष्मी और गणेश जी का संयुक्त पूजन जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य लाता है। यह पूजा करने से घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य और वैभव बना रहता है।
  4. विघ्नों का नाश: गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है। उनका पूजन करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं।

लक्ष्मी-गणेश पूजन की विधि

  1. पूजा का स्थान: घर का ईशान कोण या उत्तर दिशा पूजा के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। लक्ष्मी-गणेश पूजन उसी स्थान पर करना चाहिए।
  2. साफ-सफाई: पूजा स्थल की साफ-सफाई अत्यंत आवश्यक है। साफ और पवित्र स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  3. स्वास्तिक का निर्माण: पूजा स्थल पर स्वास्तिक बनाकर उसकी पूजा करें। स्वास्तिक का निर्माण समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है।
  4. पूजन सामग्री: दीपक, धूप, फूल, अक्षत, पंचामृत, और मिठाई के साथ लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें।
  5. मंत्रोच्चार: गणेश जी का वक्रतुंड मंत्र और लक्ष्मी जी का लक्ष्मी स्त्रोत का उच्चारण करें। मंत्रोच्चार से पूजा में शुद्धता और पवित्रता आती है।
  6. आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का महत्व

दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का विशेष महत्व है। ऐसा माना गया है कि इस दिन लक्ष्मी जी धरती पर आती हैं और जिन घरों में उनकी पूजा होती है वहाँ स्थायी रूप से निवास करती हैं। गणेश जी की पूजा के बिना लक्ष्मी पूजन अधूरा माना जाता है। इस दिन महालक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा करने से जीवन में धन, संपत्ति और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार, दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा से वर्षभर सुख, समृद्धि, और वैभव बना रहता है।

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